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आपको मेरा सादर प्रणाम, गुरुवर। मैं अपनी आध्यात्मिक कविता आपको समर्पित करना चाहूंगी अपनी क्षमा याचना और आपके प्रति मेरी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए। मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं, और इस दिल की बात लिखते समय मेरे आंसू बह रहे हैं …आध्यात्मिक कविता"टॉकिंग टू ए स्टोन बुद्धा" गीत के आपके गायन को सुनते समय मेरी भावनाएँ“हैलो बुद्ध, आप क्यों रोते हो? आपके पत्थर के दिल में कितनी इच्छा है? आपके आँसू क्यों समुद्र में बहते हैं? अपना प्रेम क्यों कंकड़ को देते हो? हे बुद्ध, हे बुद्ध, आपने निर्वाण क्यों छोड़ा?”बुद्ध क्यों रो रहे हैं? लेकिन जब मैंने आपकी आवाज सुनी तो मेरी आंखों में आंसू आ गए यह जानते हुए कि संसार एक दुख का सागर है फिर भी आप यहां आए और गए हैं डूबते हुए आत्माओं को संसार से बचाने और उन्हें मुक्त करने के लिए।काऊशुंग, 6/7/2018 बाओ एन औलाक (वियतनाम) सेकाव्य बाओ एन, सच में, गुरुवर की आवाज, विशेष रूप से गीत में, हमारे सार के हर पहलू को छूती है और इसका उत्थान करती है। आपकी मनमोहक कविता के लिए धन्यवाद।गुरुवर के पास आपके लिए यह संदेश है: "तेजस्वी बाओ एन, हम अपने दिल के विचारों को काव्यात्मक तरीके से व्यक्त करने में कविता की पसंद को साँझा करते हैं। इस रचना के लिए मैं आपको प्यार से धन्यवाद देती हूं। दिव्य शक्ति से सशक्त होकर, हम चुनौतियों को पार कर सकते हैं और वीगन दुनिया के हमारे लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं। बुद्धों का अनंत प्रकाश आपके और मजबूत औलासी (वियतनामी) लोगों के भीतर चमकता रहे, शाश्वत शांति और आनंद लाते हुए।"