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महायान महापरिनिर्वाण सूत्र से चयन: अध्याय १५- चंद्रमा के दृष्टान्त पर, दो भाग शृंखला का भाग १

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“चंद्रमा हमेशा बाहर रहता है। यह, स्वभाव से, बाहर नहीं आता या नीचे नहीं गिरता। वही हाल है तथागता के साथ, भिक्षा-योग्य, पूर्ण-आत्मज्ञानी।"